स्थानभ्रष्टा: न शोभते ,
दन्ता: केशा नखा नरा: ।
इति विज्ञाय मतिमान् ,
स्वस्थानं न परित्यजेत् ।।
( विदुर नीति )
It looks odd if teeth, hair, nails, and men are not at their proper place. Knowing this fact, the wise men never leave their place of duty.
जैसे अपने स्थान से हट कर दाँत , केश , नाख़ून और मनुष्य शोभा नहीं पाते हैं । वैसे ही बुद्धिमान मनुष्य भी अपने कर्तव्य स्थान से नहीं हटते हैं ।
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