सुलभा पुरूषः राजन् ,
सततं प्रियवादिनः ।
अप्रियस्य च सत्यस्य,
वक्ता श्रोता च दुर्लभः।।
(विदुर नीति)
Mahamantri Vidur gives advice to King Dhritrastra :
" O King..! People who always speak palatable language, are easily available in the world. But, the people, who speak and listen the truth, are rarely available in the world. "
महामंत्री विदुर महाराज धृतराष्ट्र को सलाह देते है :
" हे राजन् ! सदैव प्रिय बोलने वाले (चापलूसी करने वाले) लोग सर्वत्र सुलभ हैं, किन्तु सत्य और अप्रिय वचन 'बोलनेवाले' एवं 'सुननेवाले' दोनों ही तरह के लोग इस लोक में दुर्लभ हैं । "
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