द्राक्षा म्लानमुखी जाता ,
शर्करा च अश्मतां गता ।
सुभाषित रसस्य अग्रे ,
सुधा भीता दिवं गता ।।
( सुभाषितानि )
On this earth, after getting afraid of the juice of Noble Sayings; Grapes got ashamed of its sweetness; Sugar got harder like the stone; Even the Nectar (Amrit) has gone to the Heaven.
इस पृथ्वी पर सुभाषित रस से भयभीत होकर अँगूर भी कड़वे हो गये ; शर्करा भी पत्थर की भाँति कठोर हो गई ; और अमृत तो भयभीत होकर वापस स्वर्ग चली गई ।
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