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वृथा वृष्टि: समुद्रेषु ,
वृथा तृप्तेषु भोजनम् ।
वृथा दानं धनाढ्येषु ,
वृथा दीपो दिवाऽपि च ।।
(चाणक्य नीति)
Rains have no meaning for the Ocean. Food has no value to those who are contented. Giving donations to the Wealthy do not have any value. Lighting the Lamp in day time has no importance.
समुद्र के लिए वर्षा होना व्यर्थ है। तृप्त व्यक्ति के लिए भोजन व्यर्थ है । धनी व्यक्ति को दान देना व्यर्थ है । दिन के समय दीपक जलाना व्यर्थ है ।
दीपक के लिए उसका स्वयम का प्रकाश व्यर्थ है
ReplyDeleteसुना होगा आपने दीपक तले अंधेरा
आपने लिखा है दिन के समय दीपक जलाना व्यर्थ है
सही लिखा है
Deleteदिन के समय दीपक जलाना व्यर्थ है
इसमे गलत क्या है
Ye ek tatti hai
ReplyDelete😡😡😡😡😡😡😡😡😡😡😡😡😡😡😡
DeleteTo kha le tuze digest bhi hogi
DeleteThanks it's help me too much
ReplyDeleteOh god. I finally found it. I was not getting accurate sanskrit to Hindi meanings anywhere. thank you very much it was so helpful for me.
ReplyDeleteऔर संस्कृत में कुछ कुछ सर जी
ReplyDeleteSahi hai
ReplyDeleteवृथा दीपो दिवाSपिच।दिनमे दीपक लगाना अभीभवका उदाहरण है।
ReplyDeleteखद्योतो द्योतते तावत् यावन्नोदयते शशीः।
उदिते तु सहस्रांशु न खद्योतो न चंद्रमा।।
दिनमे दिपक जलाना अभिभवका उदाहरण है।
ReplyDeleteएक सुभाषित इस बातका प्रमाण है,
खद्योतो द्योतते तावत् यावन्नोदयते शशीः।
उदये तु साहस्रांशु न खद्योतो न चंद्रमा।।