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कुलस्यार्थे त्यजेत् एकम्,
ग्रामस्यार्थे कुलं त्यजेत् ।
ग्रामं जनपदस्यार्थे,
आत्मार्थे पृथिवीं त्यजेत् ।।
( चाणक्य नीति )
Sacrifice your own interest for sake of your Family. Sacrifice family for the cause of the Village. Sacrifice village for cause of the Nation. Sacrifice everything for the Enlightenment.
परिवार के हित के लिए अपने हित को त्याग दें ; ग्राम के हित के लिए अपने परिवार हित को त्याग दें , राष्ट्रहित के लिए अपने गाँव हित को त्याग दें ; आत्मज्ञान के लिए सर्वस्व त्याग दें ।
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