Vyas

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Sunday 1 May 2016

Whatever is Destined will Definitely Happen

करम गति टारै नाहीं टरी ॥

मुनि वसिष्ठ अस पंडित ज्ञानी,
सोधि के लगन धरी ।
सीता हरन मरन दसरथ कै,
बन में बिपति परी ॥ १ ।।

कहॅं वह फन्द कहाँ वह पारधि,
कहॅं वह मिरग चरी ।
कोटि गाय नित पुन्य करत नृप,
गिरगिट जोनि परी ॥ २॥

पाण्डव जिनके आप सारथी,
तिन पर बिपति परी ।
कहत कबीर सुनो भइ साधो,
होनी  होइ  कै रही ॥ ३॥

करम गति टारै नाहीं टरी ।।

- कबीरदास

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