विद्यातीर्थे जगति विबुधा: साधव: सत्यतीर्थे,
गंगातीर्थे मलिनमनसो योगिनो ध्यानतीर्थे ।
धरातीर्थे धरणिपतयो दानतीर्थे धनाढ्या,
लज्जातीर्थे कुलयुवतय: पातकं क्षालयन्ते ।।
( विदुर नीति )
संसार में बुद्धिमान जन विद्यारूपी तीर्थ में, साधु जन सत्यरूपी तीर्थ में, मलिन मन वाले गंगातीर्थ में, योगीजन ध्यानतीर्थ में, नृप जन पृथ्वीतीर्थ में, धनी जन दानतीर्थ में और कुलीन स्त्रियाँ लज्जातीर्थ में अपने पापों को धोते हैं ।
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